शारदीय नवरात्रि में ऐतिहासिक नला का माताजी मंदिर बना आस्था का केंद्र, घट स्थापना के साथ उमड़े श्रद्धालु, अखंड ज्योत,रामायण पाठ और लंगर की व्यवस्था: शारदीय नवरात्रि में ऐतिहासिक नला का माताजी मंदिर बना आस्था का केंद्र, घट स्थापना के साथ उमड़े श्रद्धालु, अखंड ज्योत,रामायण पाठ और लंगर की व्यवस्था

ललित चावला बिजौलिया | 22 Sep 2025

शारदीय नवरात्रि में ऐतिहासिक नला का माताजी मंदिर बना आस्था का केंद्र, घट स्थापना के साथ उमड़े श्रद्धालु, अखंड ज्योत,रामायण पाठ और लंगर की व्यवस्था

बिजौलिया। शारदीय नवरात्रि पर्व पर बिजौलिया कस्बे से करीब 6 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे 27 पर स्थित ऐतिहासिक नला का माताजी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है।

मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष शंकरलाल धाकड़ ने बताया कि आज शुभ मुहूर्त में घट स्थापना के साथ रामायण पाठ की शुरुआत की गई। मंदिर में ऊपरमाल बिजौलिया, हाड़ौती, बरड़ क्षेत्र, डाबी-बुधपुरा से लेकर मध्यप्रदेश तक से आए भक्तों के लिए विशेष लंगर की व्यवस्था की गई है। मंदिर परिसर में दुर्गा पाठ के साथ एक अखंड ज्योत प्रज्वलित की गई है, जो लगातार जलती रहेगी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

ट्रस्ट सदस्य प्रकाश गुर्जर,मुकेश धाकड़ और सरपंच कैलाश धाकड़ ने बताया कि मंदिर का इतिहास करीब 700 वर्ष पुराना है। ट्रस्ट के उमाशंकर शर्मा और शांतिलाल धाकड़ ने बताया कि यहां की मान्यता है कि मां की पांति मिलने पर भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। खासतौर पर निःसंतान दंपती और पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखने वाले जोड़े यहां आकर मन्नत मांगते हैं तथा इच्छा पूर्ण होने पर पालना चढ़ाकर आभार व्यक्त करते हैं।

मंदिर की खूबसूरती भी लोगों को आकर्षित करती है। यह एक पहाड़ी पर स्थित है और नीचे बहते बरसाती नाले के कारण इसे ‘नला का माताजी’ कहा जाता है।

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