बिजौलिया में पटाखा बेचने की जगह पर विवाद : 18 लाइसेंसधारियों ने एसडीएम को जमा कराए लाइसेंस, कहा-तेजाजी चौक पर लगाने दी जाए दुकानें
ललित चावला बिजौलिया | 18 Oct 2025
बिजौलिया। नगर में इस साल दिवाली से पहले पटाखा व्यापारियों और प्रशासन के बीच पटाखा बाजार की जगह को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शुक्रवार शाम को नगर के पटाखा व्यापार संघ ने उपखंड अधिकारी अजीत सिंह राठौड़ को ज्ञापन सौंपकर छोटा खेल मैदान में पटाखा बाजार लगाने पर आपत्ति जताई और पटाखे बेचने में असमर्थता व्यक्त की।
व्यापार संघ के अध्यक्ष सहित 18 लाइसेंसशुदा व्यापारियों ने अपने-अपने लाइसेंस प्रशासन को लौटाते हुए इस वर्ष पटाखे नहीं बेचने का निर्णय लिया है। ज्ञापन में बताया गया कि प्रशासन द्वारा आवंटित छोटा खेल मैदान आबादी क्षेत्र से काफी दूर है, जिससे ग्राहकों का वहां तक पहुंचना कठिन होगा। इसके अलावा मैदान के पास ही श्मशान घाट और भगवान के चबूतरे स्थित हैं, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होने और गलत धारणा फैलने की संभावना है।
व्यापारियों का कहना है कि हर साल दिवाली के मौके पर पंचायत चौक से तेजाजी चौक तक मुख्य बाजार में ही पटाखा बाजार लगता आया है, जहां लोगों की भीड़ रहती है और कारोबार भी अच्छा होता है। मगर इस बार नगर पालिका ने सुरक्षा कारणों और भीड़भाड़ से बचाव के लिए छोटा खेल मैदान को पटाखा बाजार के रूप में चिन्हित किया है। व्यापारियों का कहना है कि यह निर्णय उनके व्यवसाय के लिए नुकसानदायक है, क्योंकि छोटा खेल मैदान मुख्य बाजार से काफी दूर है और वहां ग्राहकों का आना-जाना मुश्किल है।
पटाखा व्यापार संघ ने बताया कि वे कई वर्षों से निर्धारित नियमों के तहत ही पटाखे बेचते आ रहे हैं और किसी तरह की दुर्घटना नहीं हुई है। उनका कहना है कि प्रशासन को बिना व्यापारियों से चर्चा किए यह निर्णय नहीं लेना चाहिए था।
व्यापार संघ ने मांग की है कि प्रशासन पटाखा बाजार के लिए ऐसा स्थान तय करे जो मुख्य बाजार के करीब और लोगों की सुविधा के अनुकूल हो। साथ ही यह भी निवेदन किया गया है कि उनके पास मौजूद पटाखों को जब्त न किया जाए, बल्कि दिवाली के चार-पांच दिन बाद वे उन्हें वहीं वापस भेज देंगे, जहां से लाए गए थे।
गौरतलब है कि पिछले वर्षों में तेजाजी चौक से पंचायत चौक तक पटाखा बाजार लगने से कई बार भीड़भाड़ की स्थिति बनी, जिस पर इस वर्ष नगर पालिका प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र नया स्थान तय किया था। लेकिन अब पटाखा व्यापारियों के विरोध के चलते यह मामला चर्चा में है।
स्थानीय कुछ लोग प्रशासन के निर्णय को सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही मानते हैं, वहीं कई लोग व्यापारियों के पक्ष में हैं और मानते हैं कि छोटा खेल मैदान जैसे दूरस्थ स्थान पर बाजार लगाने से दिवाली के उत्साह पर असर पड़ेगा।